अच्युतानंद तीर्थ की वक्फ बोर्ड को लेकर सरकार से कानून बनाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में डालेंगे याचिका ।
भूमा पीठाधीश्वर अच्युतानंद तीर्थ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी कि पूरे देश में मिलावटी दूध बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अच्युतानंद तीर्थ के पक्ष में फैसला दिया था मगर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई इसके विरोध में अच्युतानंद तीर्थ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट को लेकर याचिका डाली डाली जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दो हफ्ते में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण विभाग को जवाब देने का आदेश दिया है इस फैसले का अच्युतानंद तीर्थ द्वारा स्वागत किया गया वहीं वक्फ बोर्ड को लेकर अच्युतानंद तीर्थ ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा सरकार इस पर कानून बनाए इसको लेकर हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे
भूमा पीठाधीश्वर अच्युतानंद तीर्थ का कहना है कि मिलावटी दूध को लेकर हमारे द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हमारे पक्ष में फैसला दिया मगर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई हमारे द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट को लेकर याचिका डाली गई सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण विभाग को दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है इनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश जारी किया गया था कि मोबाइल वैन के द्वारा मिलावटी दूध की चेकिंग करेगी क्योंकि मिलावटी दूध को गर्भवती महिला पीती है तो पेट में पलने वाले बच्चे को भी नुकसान पहुंचता है।
वही देश में वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर अच्युतानंद तीर्थ ने कड़ी नाराजगी जताई है इनका कहना है कि वक्फ बोर्ड के पास पूरे भारत में 32 लाख स्क्वायर हेक्टर जमीन है भारत बहुसंख्यक देश है या अल्पसंख्यक देश है वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर कोई भी अपना दावा पेश नहीं कर सकता सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं हाईकोर्ट में भी इस मामले में सुनवाई नहीं होती इनका कहना है कि जब वक्फ बोर्ड भारत में बना है तो सनातन धर्म बोर्ड क्यों नहीं है हमारे मंदिरों पर सरकार का अधिकार है इसलिए वक्फ बोर्ड को बंद करना चाहिए और सनातन धर्म बोर्ड बनाकर शंकराचार्य सहित देश के बड़े संतो को शामिल करना चाहिए जो किसी भी राजनीतिक पार्टी से ना हो हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं इसको लेकर कानून बनाया जाए और हम सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले को लेकर जाएंगे ।।