योगेश लोकेश शमा और माधवी यह 4 नाम हैं उन भाई बहनों के जिन्होंने इतिहास रच दिया इन सब ने वह कर दिखाया जो संभवत देश में पहली बार हुआ महज तीन साल के अंतराल में चारों भाई बहन आईएएस आईपीएस बन गए पढ़िए इन चार अफसर भाई बहनों की कामयाबी और संघर्ष की पूरी कहानी
लालगंज के हैं यह अफसर भाई बहन
यह अफसर भाई बहन उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के लालगंज के रहने वाले हैं देश में अफसर भाई बहनों का जिक्र आता है तो सबसे पहले जहन में लालगंज के अनिल मिश्रा के बेटे बेटियों का नाम आता है क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में बतौर मैनेजर रहे अनिल मिश्रा का परिवार का भी दो कमरों के घर में रहा करता था आज उनके परिवार में चार चार अफसर हैं
आईएएस से पहले नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे योगेश मिश्रा
चार भाई-बहनों में सबसे बड़े योगेश मिश्रा हैं अन्य तीन भाई-बहनों के भी अफसर बनने की कहानी की शुरुआत योगेश मिश्रा से ही होती है दरअसल 2013 में सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर करने से पहले योगेश नोएडा में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्य कर रहे थे उस समय इनकी दोनों छोटी बहन श्यामा और माधवी दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी
बड़े भाई ने थाना पहले मैं आईएएस बनकर दिखाऊंगा
मीडिया से बातचीत में योगेश मिश्रा बताते हैं कि रक्षाबंधन के एक दिन पहले दोनों ने एग्जाम का रिजल्ट आया और वह फेल हो गई थी उसकी 1 दिन बाद मैं बहनों के पास राखी बनवाने बहनों के लिए गया और उनके फेल हो जाने पर फिर से मेहनत करने के लिए हौसला बढ़ाया साथ ही मैंने उसी दिन यह भी ठान लिया कि सबसे पहले मैं आईएएस बनकर दिखाऊंगा जिससे अपने छोटे भाई बहनों को प्रेरणा दे सकूं मैं अगली बार बहनों से राखी बनवाने तभी आऊंगा जब आईएएस बनूंगा फिर मैंने तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में मैं ही आईएएस बन गया योगेश मिश्रा कोलकाता में राष्ट्रीय तो एवं गोला निर्माण में प्रशासनिक अधिकारी भी रहे हैं
योगेश के बाद माधुरी को मिली कामयाबी
योगेश के बाद माधुरी ने यूपीएससी परीक्षा 2014 में 62 वीं रैंक पर बाजी मारी माधवी झारखंड कैडर की आईएएस बनी केंद्र के विशेष प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में भी तैनात रही भाई लोकेश ने सीएसआई 2014 में रिजर्व लिस्ट में अपना नाम भी पाया हालांकि उसे खुद पर भरोसा था और उसने इसी एक और शॉट देने का फैसला किया फिर यह भी आईएस बन गए दूसरे नंबर की बहन छमा आईपीएस है इन्हें कर्नाटक में तैनाती मिली