पैन कार्ड बना नया पहचान, वित्तमंत्री ने बजट में की बड़ी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचान के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन कार्ड) का उपयोग किया जाएगा. सरकार के इस कदम से देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. पैन एक 10 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर है जो आयकर विभाग द्वारा किसी व्यक्ति, फर्म या संस्था को आवंटित किया जाता है.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि एमएसएमई अनुबंध निष्पादित करने में विफल रहते हैं, तो 95 प्रतिशत प्रदर्शन सुरक्षा विवाद से विश्वास योजना के हिस्से के रूप में छोटे व्यवसायों को वापस कर दी जाएगी. विवाद से विश्वास योजना विवादित टैक्स के 100 प्रतिशत और विवादित दंड या ब्याज या शुल्क के 25 प्रतिशत के भुगतान पर मूल्यांकन या पुनर्मूल्यांकन आदेश के संबंध में विवादित कर, ब्याज, दंड या शुल्क के निपटान का प्रावधान करती है.
पैन कार्ड क्यों है जरूरी?
बता दें कि आयकर विभाग (Income Tax Department) हर भारत के प्रत्येक व्यक्ति के लिए पैन कार्ड जारी करता है. पैन की मदद से इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले व्यक्ति का पता चलता है. ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न, म्यूचुअल फंड लेने और लोन के आवेदन के लिए पैन कार्ड काफी जरूरी होता है.
पैन कार्ड (PAN Card) को भारतियों के लिए एक पहचान पत्र के रूप में माना जाता है. कुछ कार्यों के लिए पैन कार्ड होना अनिवार्य है जैसे, इनकम टैक्स रिटर्न, म्यूचुअल फण्ड निवेश, लोन के अप्लाई करना और आदि. हालांकि, पैन कार्ड जारी करने का मुख्य उद्देश्य सभी की वित्तीय जानकारी रखना है ताकि टैक्स संबंधित लक्ष्य पूरे हो सकें.
पैन कार्ड से साबित होगी पहचान
अब आप पैन कार्ड से वित्तीय लेनदेन के साथ पहचान साबित करने के लिए भी पैन कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. पैन कार्ड का असली महत्व उस पर छपे 10 अक्षरों के अल्फानुमेरिक नंबर है. यह नंबर यूनिक होते हैं यानी एक नंबर एक ही व्यक्ति के पास हो सकता है. इस तरह हम कह सकते हैं कि जिस तरह डीएनए सभी का डिफरेंट होता है उसी प्रकार सभी का पैन नंबर भी अलग-अलग होता है. पैन कार्ड नंबर से ही आयकर विभाग को कार्डधारक से सम्बंधित विशेष जानकारी मिलती है.
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