सीएम धामी ने कहा कि इसके अतिरिक्त समय-समय पर ऐसी भी शिकायतें मिलती है कि साक्षात्कार में किसी को बहुत ज्यादा अंक दिये गये या किसी अभ्यर्थी को बहुत कम अंक दिये गये। इसके लिए हमारी सरकार के पास नौजवानों व विभिन्न संस्थाओं की तरफ से विभिन्न सुझाव आते रहे हैं कि साक्षात्कार के अकों को भी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत ही अभ्यर्थी को दिये जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
इसलिए इन सुझावों पर अमल करते हुए हमारी सरकार यह निर्णय भी लेने जा रही है कि साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को यदि 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा। अब किसी भी प्रकार की मनमानी नहीं चलेगी।
प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए भविष्य में भी जो सुझाव आएंगे उन्हें भी हमारी सरकार आवश्यकतानुसार लागू करेगी। भारतीय जनता पार्टी अंत्योदय के मंत्र पर कार्य करते हुए अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा से जोड़ रही है।विकसित उत्तराखंड का जो स्वप्न हमने देखा है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष तक उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना और यह हमारा ’’विकल्प रहित संकल्प’’ है।