इस बार 2025 की यात्रा में पहले दो सप्ताह में 2024 की तुलना में 31% की गिरावट दिखी
चारधाम यात्रा में गिरावट देखने को मिली है। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि इस गिरावट को मौजूदा भारत-पाक तनाव के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। इस साल शुरू हुई चारधाम यात्रा के पहले दो सप्ताह में 2024 की तुलना में 31% की गिरावट आई है। इस तीन लाख श्रद्धालु कम पहुंचे हैं। सोशल डेवलेपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन (एसडीसी) की ओर से यह रिपोर्ट जारी की गई है।
उत्तराखंड के पर्यारवण और क्लाइमेट के मुद्दों की डाटा बेस्ड एडवोकेसी पर काम करने वाली संस्था, सोशल डेवलेपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन (एसडीसी) फाउंडेशन के विश्लेषण के अनुसार, 30 अप्रैल से 13 मई के बीच कुल 6,62,446 श्रद्धालु केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री पहुंचे। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि 10 मई से 23 मई 2024 में 9,61,302 श्रद्धालु यात्रा पर आए थे। यह 2,98,856 यानी लगभग तीन लाख की गिरावट दर्शाता है, जो कुल मिलाकर 31% की कमी है।
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि इस गिरावट को मौजूदा भारत-पाक तनाव के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। पिछले कुछ हफ्तों में सीमा पर हुई सैन्य हलचल और संघर्षों ने आम जनता की मानसिकता और यात्रा के आत्मविश्वास पर असर डाला है। खासकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। चार धाम यात्रा का स्वरूप अंतर-राज्यीय आवाजाही और सामूहिक यात्रा पर आधारित होता है, जिससे यह असर सीधा पड़ा है।

