16वें वित्त आयोग की हुई बैठक मुख्यमंत्री धामी ने रखा पक्ष और कहा-पर्यावरणीय सेवाओं की लागत के हिसाब से दे क्षतिपूर्ति
आयोग के अध्यक्ष डॉ.अरविंद पनगढि़या व अन्य सदस्यों के साथ बैठक में राज्य का पक्ष रख रहे थे। उन्होंने राज्य की वित्तीय परिस्थितियों, चुनौतियों एवं विकास की आवश्यकताओं पर विस्तार से रोशनी डाली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 16वें वित्त आयोग से पर्यावरणीय सेवाओं की लागत को देखते हुए पर्यावरणीय संघवाद की भावना के अनुरूप उपयुक्त क्षतिपूर्ति का अनुरोध किया।
उन्होंने कर हस्तांतरण में वन आच्छादन के लिए निर्धारित भार को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का सुझाव दिया। कहा कि राज्य में वनों के उचित प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए विशेष अनुदान पर भी विचार होना चाहिए। धामी ने राज्य में बाहर से आने वाली आबादी (फ्लोटिंग पापुलेशन) की अवस्थापना सुविधाओं के लिए विशेष अनुदान की वकालत भी की
मुख्यमंत्री सोमवार को राज्य सचिवालय में आयोग के अध्यक्ष डॉ.अरविंद पनगढि़या व अन्य सदस्यों के साथ बैठक में राज्य का पक्ष रख रहे थे। उन्होंने राज्य की वित्तीय परिस्थितियों, चुनौतियों एवं विकास की आवश्यकताओं पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने आयोग के सदस्य ऐनी जॉर्ज मैथ्यू, डाॅ.मनोज पांडा, डाॅ.सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पाण्डेय, संयुक्त सचिव केके मिश्रा का स्वागत किया।
सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने राज्य की विभिन्न चुनौतियों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। डॉ.पनगढ़िया ने कहा कि जिन चुनौतियों का सामना उत्तराखंड समेत अन्य पर्वतीय राज्य कर रहे हैं, उनके समाधान के लिए व्यापक स्तर पर विचार विमर्श किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल. फैनई, आर.मीनाक्षी सुंदरम, सचिव और अपर सचिव उपस्थित थे।

