दिव्य प्रेम सेवा मिशन को भारत रत्न का हकदार कहा योग गुरु बाबा रामदेव ने ।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के रजत जयंती समारोह में पहुंचे योग गुरु बाबा रामदेव ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि 500 कुष्ठ रोगियों की सेवा करना एक बड़ा कार्य है जो कि नोबेल पुरस्कार के साथ भारत रतन का भी हकदार है उन्होंने कहा कि अलग-अलग तरह के कैंपिंग देशभर में चलाए जाते हैं लेकिन यह कार्य उन से बढ़कर है योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा कार्यक्रम मैं आकर गौरव प्रदान करने पर हम उनका आभार व्यक्त करते हैं योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि कुष्ठ रोगियों को लेकर और उनके बच्चों को लेकर लोगों में जो भ्रांतियां हैं उन को तोड़ने का कार्य इस संस्था के द्वारा किया जा रहा है लोग कहते हैं कि भारत में समान वह जातिवादी लोग रहते हैं उन्होंने कहा कि जन्म से ब्राह्मण जाति में पैदा होकर सूत्र अति सूत्र जिन्हें कहा जाता है समाज में जिन्हें अछूत कहा जाता है उनकी सेवा करना सबसे बड़ा आदर्श है जो दिव्य प्रेम सेवा मिशन में किया जा रहा है।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संयोजक संजय चतुर्वेदी ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन ने सेवा भाव के 1 लंबी यात्रा जो कि 25 वर्षों की यात्रा थी तय की है उन्होंने कहा कि 25 वर्ष पर रजत जयंती मनाने के लिए पिछले 1 वर्ष से एक कार्यक्रम चल रहा था जिसका आज समापन हुआ है उन्होंने कहा कि आज कार्यक्रम के समापन पर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और सभी सेवा का संदेश जन-जन तक पहुंचाने वाले सेवादारों को अपना आशीष दिया समाज को मोटिवेट भी किया संजय चतुर्वेदी ने बताया कि महामहिम राष्ट्रपति ने स्वामी विवेकानंद जी की कथा नर सेवा नारायण सेवा को लेकर कहा कि सबको समाज की सेवा करनी चाहिए उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि महामहिम राष्ट्रपति सन 1997 से संस्था से जुड़े हैं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संयोजक संजय चतुर्वेदी ने बताया कि संस्था कुष्ठ रोगियों की चिकित्सा के साथ उनके बच्चों की शिक्षा स्वयं बन पर कार्य करती चली आ रही है।