गौरा देवी के जंगलों मैं वन तस्करो ने चलाई हरे पेड़ो पर आरिया ।।
जोशीमठ।
गौरा देवी के जंगलों मैं वन तस्करो ने चलाई हरे पेड़ो पर आरिया ।
अभी 3 दिन पहले ही 26 मार्च को पूरे प्रदेश ने चिपको आन्दोलन की 49वीं वर्षगांठ मनाई। इस दौरान जोशीमठ के रैंणी गांव में प्रदेशभर से आये पर्यावरण प्रेमी जुटे व सभी ने अपने अपने अनुभव और विचार साझा किये।
जहां एक और पर्यावरण संरक्षण की बातें लम्बे समय सेमीनारों में हो रही है तो वहीं पंगराणी जंगल जहां वर्ष 1973 में चिपको आन्दोलन की शुरूवात हुई थी में गुपचुप घुसे वन तस्करों ने 20 से अधिक हरे भरे पेडों पर आरी चलाकर इनके तनो में उगने वाली गांठों को काट दिया। अब इन पेडों के सूखने का खतरा मंडराने लगा है।
बता दें कि पंगराणी व आस पास के जंगल को बचाने के लिए वर्ष 1973 में रैंणी की महिला मंगल दल अध्यक्षा गौरा देवी ने अपनी सहेलियों एवं गांव की महिलाअेां के साथ मिलकर वे पेड में चिपक गई व इस जंगल को कटने से बचाया,
जिसे बाद महिलाओ की पेड बचाने का यह अनूठा तरीका चिपको आन्दोलन का नाम से जाना गया।
इसी चिपको के जंगल में अब वन तस्करों द्वारा पेडों की गांठों को काटा जा रहा है। बता दें कि हर तीन चार वर्ष में पंगराणी व अन्य जंगल के पेडों के तनों में एक विशेष प्रकार की गांठें उगती है जिन्हें काटकर इनमें नक्कासीदार लकडी का समान बनाया जाता है
जिसमें पाॅलिस होने के बाद ये सामान काफी उंची कीमतों में बिकते हैं।
चिपको की भूमि में वन तस्करों की घुसपैठ से पूरे क्षेत्र में आक्रोश है। लोगों द्वारा इस बात की शिकायत वन महकमे से भी की गई है।
बॉक्स समाचार
मामला संज्ञन में आते ही वन विभाग हरकत मे आई व वन विभाग की टीम पंगराणी चिपको जंगल में स्थानीय लोगों के साथ पहुंच कर व तस्करों का सुराग ढूंडने में जुट गई है।