अगर आप भी अपने माता पिता पर ध्यान नही देते तो हो जाइए सावधान
माता-पिता की सेवा अगर आप नही कर रहे है तो हो जाइए सावधान आपके साथ भी होगा कुछ ऐसा
कहाँ जाता है कि माता पिता अपना जीवन अपने बच्चो के पालन-पोषण में लगा देते है ये ही नही माता पिता बच्चो के लिए अपनी सारी ख़्वाहिशें दबा देते है वो सिर्फ यही चाहते है कि बच्चे कामयाब हो और अपना आगे का जीवन खुशी से व्यतीत करे लेकिन आजकल के दौर में वो ही बच्चे बड़े होकर कामयाबी के पीछे कुछ इस कदर भागने लगते है कि उनके माता पिता उन पर एक बोझ बन जाते है इसी को लेकर ऐसे कई रुझान सामने आ रहे है जहाँ माता पिता अपने ही बच्चो से प्रताड़ित हो रहे है ।
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माता-पिता की सेवा करने की बजाय उन्हें प्रताड़ित करने वाले बच्चों को सचेत होने की जरूरत है। एसडीएम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ऐसे छह बुजुर्गों के बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करते हुए एक महीने के अंदर घर खाली करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पुलिस प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
माता-पिता की सेवा अगर आप नही कर रहे है तो हो जाइए सावधान आपके साथ भी होगा कुछ ऐसा
माता पिता कर सकते है आपके खिलाफ ये सब
माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एसडीएम कोर्ट में अपने बच्चों के खिलाफ वाद दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा के तहत एसडीएम की ओर से सुनवाई के बाद बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। ऐसे ही छह बुजुर्गों की ओर से हरिद्वार एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया था।
बुधवार को एसडीएम पूरण सिंह राणा इन मामलों की सुनवाई कर रहे थे। ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद के बुजुर्गों की ओर से कोर्ट में वाद दायर किया गया था कि उनके बच्चे उनके साथ ही रहते हैं, लेकिन न तो उनकी कोई सेवा करते हैं और न ही खाना देते हैं। उल्टे उनके साथ मारपीटकर प्रताड़ित करते हैं। जिससे उनका बुढ़ापे का जीवन नरक बन गया है।
वरिष्ठ नागरिकों की ओर से अपने बच्चों से राहत दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई गई थी जिसमें उन्हें अपनी चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर घरों से बाहर निकालने की मांग की गई थी। बुजुर्गों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम पूरण सिंह राणा ने सभी छह मामलों में बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करने का फैसला सुनाया है। साथ ही 30 दिन के भीतर घर खाली करने के आदेश दिए। फैसले में कहा गया कि यदि यह लोग घर खाली नहीं करते हैं तो संबंधित थाना प्रभारियों को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है। संवाद