हरिद्वार के सूरज गिरी बंगला आश्रम में आयोजित तीन दिवसीय वैदिक सम्मेलन का सकुशल समापन हो गया है। समापन के अंतिम दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महंत ललितानंद गिरी समेत संस्कृत कई विद्वान मौजूद रहे।
सांसद निशंक ने संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार की दिशा में काम करने वाले लोगो को सम्मानित किया। इस दौरान सांसद निशंक ने कहा कि आज पूरी दुनिया में संस्कृत भाषा की महत्ता को माना जा रहा है इसलिए जर्मनी जैसे देश ने भी संस्कृत के 14 विश्वविद्यालय खोले है। उन्हें गर्व है कि वो संस्कृत की जननी देवभूमि उत्तराखंड के निवासी है।
वही सूरज गिरी बंगला आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी ने बताया कि विश्व में आज विश्व में भय और अशांति है, इन्हे दूर करने की चाबी सिर्फ हमारे वेदों में है और इस चाबी को खोजने के लिए ही वैदिक सम्मेलन का आयोजन किया गया है।