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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भगवानपुर के कुंजा बहादुरपुर गांव पहुंचे, कुंजा बहादुरपुर गांव का क्या है इतिहास

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देश की आजादी की अलख जगाने वाले व अंग्रेज हुक्मरान के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंकने वाले राजा विजय सिंह और सेनापति कल्याण सिंह के बलिदान दिवस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भगवानपुर के कुंजा बहादुरपुर गांव पहुंचे और शहीद स्मारक पर राजा विजय सिंह और सेनापति कल्याण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और शहीदो को श्रद्धांजलि दी।

 

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इस मौके पर जनसभा का आयोजन किया गया है।
सीएम धामी ने कहा कुंजा बहादुरपुर गांव के वीर योद्धाओं ने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी। 1822 में आजादी की पहली लड़ाई लड़ी गई थी। आज उन वीर शहीदों को नमन करने वह गाँव कुंजा बहादुरपुर पहुँचे है। इस दौरान उन्होंने राजा विजय सिंह के नाम से मौजूद इंटर कॉलेज को भविष्य में कृषि महाविद्यालय बनाने की बात भी कही।
गौरतलब है कि आजादी के आंदोलन की सबसे पहली क्रांति 1822 में हरिद्वार जिले के रुड़की तहसील के गांव कुंजा बहादुरपुर में हुई थी। इतिहास में उत्तराखंड के रुड़की के कुंजा बहादुरपुर गांव का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है। इतिहास की पुस्तकों में कुंजा बहादुरपुर गांव में तीन अक्तूबर 1822 को हुई क्रांति दर्ज है।बताया जाता है कि 1822 में सबसे पहली आजादी की लड़ाई शहीदों की इस वीरभूमि से ही शुरू हुई थी। स्थानीय ग्रामीणों ने क्षेत्र के वीर गुर्जर राजा विजय सिंह के नेतृत्व में क्रांति का बिगुल फूंका था। तभी से 3 अक्तूबर को कुंजा गांव में बलिदान दिवस मनाया जाता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गांव के 152 लोग शहीद हुए थे।
आज बलिदान दिवस पर सीएम धामी के साथ कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन और देशराज कर्णवाल गाँव कुंजा बहादुरपुर पहुँचे जहां वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया गया।

By ADMIN

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