एंकर- करोना महामारी जब देश में फैली थी तब सभी स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए थे और परीक्षा रद्द कर दी गई थी। साथ ही साथ सभी स्कूल कॉलेजों की फीस भी माफ कर दी गई थी और कक्षा 10 व 12 के बोर्ड परीक्षा के परिणाम भी बिना परीक्षा लिए घोषित कर दिए गए थे । लेकिन आईपीएस कॉलेज रुड़की में कुछ उल्टा ही देखने को मिला सभी छात्रों से लॉकडाउन में भी फीस ली गई और इसके बावजूद कुछ गरीब छात्राओं ने किसी तरह स्मार्टफोन का इंतजाम कर किसी तरह ऑनलाइन परीक्षा भी दी लेकिन उसके बावजूद भी उनके रिजल्ट में बैक दिखा दी गई। जिसमें बच्चों ने ₹500 प्रति बैक फीस भी दी लेकिन अब भी बहुत सारे छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिनकी दोबारा बैक लगा दी गई है।
हाल ही में 10 दिसंबर 2022 को कुछ छात्रों को कॉलेज से फोन और मैसेज के द्वारा बताया जाता है कि यूनिवर्सिटी ने बैक पेपर की फीस को ₹2000 प्रति बैक पेपर कर दिया है जिसकी वजह से सभी विद्यार्थियों में बहुत आक्रोश है। इसीलिए कुछ एलएलबी के छात्रों ने अपनी डिग्री को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में पहुँच कर अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुदियाल को एक ज्ञापन सौंपा और कहा की अगर बच्चों की शिक्षा पर भी महंगाई की वजह से रोक लगेगी तो वह सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे उन्होंने यह भी कहा कि अगर 3 दिन के अंदर जांच कर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो देश में शिक्षा के नाम पर लूटपाट करने वालों के खिलाफ सभी विद्यार्थी एकजुट होकर आंदोलन करेगे, जिसका जिम्मेदार पूर्ण तरीके से शासन-प्रशासन होगा। ऐसे में अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुदियाल ने सभी विद्यार्थियों को आश्वासन देते हुए तत्काल कॉलेज के डाइरेक्ट व प्रिंसिपल से इस विषय पर पत्राचार किया और जो भी तथ्य हों उन्हें कॉलेज के विद्यार्थियों के सामने सही से रखने की बात भी कही हैं।।