सनातन परंपरा को मानने वाले आदि शक्ति की उपासना करते हैं क्योंकि जो शिव को पूजता है वो पहले मां पार्वती की पूजा करता है जो विष्णु को पूजता है वो पहले महालक्ष्मी की पूजा करता है और जो ब्रह्मा को पूजता है वह सबसे पहले मां सरस्वती की आराधना करता है कहा जाता आदिशक्ति की आराधना करने से सभी देवी देवता प्रसन्न हो जाते हैं ऐसा ही अब देखने को भी मिल रहा है क्योंकि भगवान राम के दिव्य मंदिर से पहले माता सीता की बिहार के सीतामढ़ी में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में बनाई जा रही 251 फुट की अष्टधातु की प्रतिमा का भूमि पूजन खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अप्रैल को करेंगे। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरी महाराज का कहना है कि बिहार के सीतामढ़ी में 251 फुट ऊंची अष्ट धातु से निर्मित माता सीता की मूर्ति स्थापित की जाएगी हम देश के साधु-संतों और सभी जनता से अपील करते हैं किस मूर्ति को बनाने में अपना सहयोग अर्पण करें इसके साथ ही वहां पर अध्यात्मिक विदेशी भवन भी बनाया जाएगा सीता माता की यह मूर्ति विश्व में सबसे बड़ी होगी इससे वहां का पर्यटन भी बढ़ेगा 2023 में माता सीता की ज्योति यात्रा निकाली जाएगी जो 51 शक्तिपीठों से होकर जन जन तक रामायण पहुंचाने का कार्य करेगी 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका भूमि पूजन करेंगे और देश के सभी बड़े संत इसमें शामिल हो गया।
जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी का कहना है कि सनातन धर्म को मानने वाले सबसे पहले आदिशक्ति की पूजा करते हैं क्योंकि शक्ति के बिना जीवन अधूरा होता है त्रिदेव की पूजा से पहले शक्ति की पूजा की जाती है राम के नाम से पहले सीता का नाम आता है इससे यह सिद्ध होता है की शक्ति की पूजा पहले होती है भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है उसे पहले जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरी के नेतृत्व में बनने जा रही माता सीता की मूर्ति का भूमि पूजन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।