राष्ट्रधर्म के लिए सन्यासियों को दी रामदेव ने दीक्षा राजनेताओं पर किया कटाक्ष
योग गुरु स्वामी रामदेव ने अपने 29वें संन्यास दिवस पर एक नया इतिहास रचते हुए अष्टाध्यायी महाभाष्य व्याकरण, वेद, वेदांग, उपनिषद में दीक्षित शताधिक विद्वान् एवं विदुषी संन्यासियों को राष्ट्र को समर्पित किया इनमें 60 विद्वान् ब्रह्मचारी तथा 40 विदुषी शामिल हैं साथ ही आचार्य बालकृष्ण ने 500 नैष्टिक ब्रह्मचारियों को दीक्षा दी इस मौके पर सर संघ चालक मोहन भागवत और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह कार्यक्रम में शामिल हुए स्वामी रामदेव का कहना है कि राम राज्य शासन से नहीं आत्म अनुशासन से आएगा इसलिए हमारे द्वारा राष्ट्र धर्म को मानने वालों को संन्यास की दीक्षा दी गई वही आज देश में हो रही राजनीति पर कटाक्ष करते हुए रामदेव ने कहा आज के नेताओं को रामायण राम चरित्र मानस और भगवत गीता जरूर पढ़नी चाहिए
स्वामी रामदेव का कहना है कि राम का चरित्र और राम की मर्यादा का अवतरण हो राम राज्य शासन से नहीं आत्म अनुशासन से आएगा योग धर्म वेद धर्म ऋषि धर्म का झंडा पूरी दुनिया में गाड़ने के लिए ढाई सौ सन्यासी जिसमें हर धर्म के युवक शामिल है आज उन्हें संन्यास की दीक्षा दी गई यह सन्यासी सनातन धर्म के साथ राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि मानेंगे स्वामी रामदेव का कहना है कि कुछ सनातन और भारत विरोधी शक्तियों को पतंजलि द्वारा किया जा रहा यह कार्य अच्छा नहीं लगेगा क्योंकि उनको लगता है एक रामदेव उनके काबू में नहीं आया अब ढाई सौ और सन्यासी तैयार हो गए रामदेव का कहना है कि ड्रग माफिया कॉर्पोरेट माफिया और कुछ राजनीतिक माफिया देश में है जो हमारी अखंडता को तोड़ना चाहते हैं उन्हें अब छक्का लगा है कि अब उनका क्या होगा
वही देश में हो रही राजनीतिक उठापटक को लेकर योग गुरु स्वामी रामदेव राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज के राजनेताओं में बहुत गलत सोच उत्पन्न हो रही है यह देश के लिए अच्छी बात नहीं है सभी राजनेताओं को रामायण राम चरित्र मानस महाभारत और श्रीमद्भागवत गीता एक बात जरूर पढ़नी चाहिए ऐसा कुछ देखने को मिला जिनका मानस ठीक नहीं है उनको राम चरित्र मानस में भी दोष नजर आते हैं यह दिवालियापन राजनेताओं में हो गया है यह अच्छी बात नहीं है