सनातन धर्म की रक्षा और संवर्धन के लिए आज धर्मनगरी हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में तीन दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ हुआ। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की देखरेख में शुरू .धर्म संसद में सैकोड़ो कई तादाद में संत और आम लोगों शामिल हो रहे है। धर्म संसद के तीसरे दिन संसद एक धर्म आदेश जारी करेगी जो केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
सनातन धर्म की रक्षा व संवर्धन के लिए शुरू हुई तीन दिवसीय धर्म संसद के विषय में बताते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी ने कहां की 2029 तक भारत का प्रधानमंत्री एक गैर हिन्दू बनना तय है जिससे बचने के लिए यह संसद हिंदू धर्म की रक्षा के लिए क्या किया जाए इस पर विचार करने के लिए आहूत की गई है और अब इसकी जिम्मेदारी युवा संतो के हाथों में जो इस तीन दिवसीय धर्म संसद के उपरांत एक धर्म आदेश जारी करेंगे किसको केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि सरकार यह निर्णय ले सके की सनातन धर्म को बचाने के लिए क्या उपाय किए जाएं। वही इस अवसर पर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि हिन्दू धर्म की रक्षा करना और हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना ही इस धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य हैं ओर इस धर्म संसद के तीसरे दिन एक धर्म आदेश जारी किया जाएगा जिसमें धर्म की रक्षा और संवर्धन को रखा जाएगा और केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। वही धर्म संसद में आये स्वामी आनंद बाबा ने कहा कि सनातन धर्म के विनाश को हम कैसे बचा सकते है इसके लिए ही यह धर्म संसद आहूत की गई है। उन्होंने कहा कि अब देश मे या तो मानवता स्थापित होगी या फिर असुरत्व। दोनों चले ऐसा अब नहीं होगा।