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धार्मिक और पौराणिक महत्व का है अगस्त्यमुनि का वैशाखी मेला

ByADMIN

Apr 11, 2025
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अगस्त्यमुनि में धार्मिक, पौराणिक एवं सांस्कृतिक बैसाखी मेले का शुक्रवार को शुभारंभ हो गया। भगवान अगस्त्य ऋषि महाराज और क्षेत्रपाल महाराज की पूजा-अर्चना के साथ यह धार्मिक मेला शुरू हुआ। शुक्रवार सुबह अगस्त्य महोत्सव समिति के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं द्वारा भगवान अगस्त्य ऋषि मंदिर में पूजा-अर्चना करते हुए हनुमान ध्वजा को मेला मैदान में लाया गया। जहां भगवान क्षेत्रपाल और प्राचीन गद्दी स्थल में पूजाएं संपंन हुई।

इस मौके पर मेला शुभारंभ करते हुए निर्वतमान जखोली ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने कहा कि अगस्त्यमुनि में सदियों से बैसाखी मेला लगता रहा है, इसका अपना धार्मिक और पौराणिक महत्व है। यह ऐसा मेला है जिसके आयोजन के लिए स्वयं लोग तैयार होते हैं और इसमें दूर-दराज से ग्रामीण पवित्र मन्दाकिनी में स्नान कर मुनि महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं। उन्होंने कहा अगस्त्य मैदान की महत्ता और पौराणिक महत्व प्राचीन है।

मेला समिति के अध्यक्ष हर्षवर्धन बेंजवाल ने कहा कि इस साल मेले को भव्य स्वरूप प्रदान कर चार दिवसीय बनाया गया है। मेला सचिव राजेश बेंजवाल ने बताया कि मेले के पहले दिन लोक गायक वीरेंद्र राजपूत, अंजलि खर्रे, जगदम्बा भक्तवाण, सुमान सिंह रौथाण ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। मेले के दूसरे दिन लोकगायक रोहित चौहान, मीना राणा, धर्म सिंह राणा, अनुराग कांत प्रस्तुति देंगे।

जबकि तीसरे दिन गढ़वाली गीत सम्राट नरेन्द्र सिंह नेगी के लोकगीतों की प्रस्तुति होगी। इस मौके पर पूर्व नपं अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हरीश गुसाईं, दीपक भण्डारी, शशिधर सेमवाल, रमेश बेंजवाल, सभासद उमा कैंतुरा, ममंद अध्यक्षा सर्वेश्वरी देवी, पूर्व प्रधान कुंवर लाल आर्य, पूर्व अध्यक्ष हर्ष प्रीतम नेगी, मठाधीश योगेश बेंजवाल, दिनेश बेंजवाल, व्यापार संघ अध्यक्ष त्रिभुवन नेगी, दलीप सिंह रावत, मनवर सिंह रावत मौजूद थे। मंच संचालन पूर्व प्रधान बलवीर लाल द्वारा किया गया।

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