आपको बता दें कि पार्षदों का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी मेयर द्वारा बोर्ड बैठक नहीं करवाई जा रही है जोकि न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। पार्षदों का एक गुट लंबे समय से बोर्ड बैठक कराए जाने की मांग कर रहा है और इस मांग को लेकर पार्षदों ने नगर निगम में एक दिवसीय धरना भी दिया था। अब एक बार फिर पार्षदों ने बोर्ड बैठक कराए जाने की मांग उठाई है। इस संबंध में उन्होंने एसडीएम रूड़की व नवनियुक्त नगर आयुक्त अंशुल सिंह को ज्ञापन सौंपा है। पार्षदों ने ज्ञापन में बताया कि मार्च माह के बाद कोई बोर्ड बैठक नहीं हो पाई है जिसके कारण नगर के विकास कार्य अटके हुए हैं। पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने बोर्ड बैठक कराए जाने के आदेश दिए थे लेकिन उन आदेशों की अवहेलना की जा रही है। पार्षद विवेक चौधरी ने बताया कि नियमानुसार प्रत्येक 2 माह में एक बोर्ड बैठक होनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है कि बोर्ड के गठन के दो वर्षों में केवल 2 ही बैठक हो पाई हैं। कहा कि अगर बोर्ड बैठक नहीं होगी तो विकास कार्यों पर चर्चा नहीं हो पाएगी और विकास कार्य अटके रहेंगे। इस पूरे मामले पर नवनियुक्त नगर आयुक्त अंशुल कुमार ने बताया कि पार्षदों के द्वारा उन्हें ज्ञापन सौंपा गया है साथ ही न्यायालय के आदेश से भी अवगत कराया गया है। आदेश के अनुसार पालन कराया जाएगा।