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अब धामी सरकार के पहले बजट पर सबकी टिकी है नजर पंजाब और दिल्ली में तो आप ने खींची लकीर

ByKOMAL.PUNDIR

Mar 28, 2022
अब धामी सरकार के पहले बजट पर सबकी टिकी है नजर पंजाब और दिल्ली में तो आप ने खींची लकीर

अब धामी सरकार के पहले बजट पर

सबकी टिकी है नजर पंजाब और दिल्ली

में तो आप ने खींची लकीर

 

अब धामी सरकार के पहले बजट पर सबकी टिकी है नजर  पंजाब और दिल्ली में तो आप ने खींची लकीर

 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सत्ता की बागडोर

अब धामी सरकार के पहले बजट पर सबकी टिकी है नजर

अब धामी सरकार के पहले बजट पर सबकी टिकी है नजर पंजाब और दिल्ली में तो आप ने खींची लकीर :-पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सत्ता की बागडोर संभालते ही 25 हजार नई नौकरियां देने, भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और अपना व्हाट्स एप नंबर जारी करने और पूर्व विधायकों की पेंशन को एक टर्म की पेंशन करने का एलान किया। उनके इस फैसले की उत्तराखंड राज्य में भी चर्चा हो रही है।

दिल्ली सरकार ने लकीर खींच दी है।

रोजगार, स्वास्थ्य, सुशासन के मोर्चे पर आम आदमी पार्टी की पंजाब और दिल्ली सरकार ने लकीर खींच दी है। अब नजर उत्तराखंड की धामी सरकार पर लगी है कि वह अपने पहले बजट में विकास की किन प्राथमिकताओं को लेकर आएंगे। दूसरी बार प्रदेश की सत्ता की बागडोर संभालने के बाद धामी ने अपनी पहली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता लागू का मसौदा तैयार करने के लिए एक हाईपावर कमेटी बनाने का एलान किया।

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उत्तराखंड में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य तीन  मुद्दे

इतना ही नहीं सरकार ने तय किया है कि वह रोजगार का ऑडिट भी कराएगी। सरकारी अस्पतालों की रीमॉडलिंग के लिए 1900 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है और इलाज के लिए सरकार ई हेल्थ कार्ड जारी करेगी। मोहल्ला क्लीनिक व पॉलीक्लिीनिक के लिए भी बजट का प्रावधान किया है। शिक्षा पर भी आप सरकार का खास फोकस रहने वाला है। बजट में 16278 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए रखे गए हैं। मुफ्त पानी की योजना को जारी रखने का एलान किया है।
शनिवार को दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रोजगार बजट पेश किया। इस बजट में दिल्ली सरकार ने अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य बनाया है। यह रोजगार होलसेल, रिटेल बाजार, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक, ग्रीन एनर्जी सरीखे क्षेत्रों में पैदा किए जाएंगे।

दिल्ली सरकार ने 2021-22 में जुटाया 35,112 करोड़ रुपये का राजस्व

मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 में फरवरी तक 35,112 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया है जो वित्तवर्ष 2020-21 की समान अवधि में मिले राजस्व के मुकाबले 39 फीसदी अधिक है. उन्होंने कहा कि फरवरी तक सरकार को जीएसटी तथा वैट कलेक्शन से 24,380 करोड़ रुपए की कमाई हुई है जो पिछले वित्तवर्ष की समान अवधि के मुकाबले 42 फीसद ज्यादा है.

अगले वित्तवर्ष 2022-23 के लिए जो 75,800 करोड़ रुपए का बजट घोषित किया गया है, उसके लिए 47,700 करोड़ रुपए टैक्स के जरिए कमाए जाएंगे, 1000 करोड़ रुपए गैर-टैक्स से कमाए जाएंगे, 10 हजार करोड़ रुपए लघु बचत योजनाओं से कर्ज, 10 हजार करोड़ रुपए जीएसटी प्रतिपूर्ति के जरिए, 1621 करोड़ रुपए केंद्र प्रायोजित योजनाओं से, केंद्रीय करों से दिल्ली को मिलने वाले 325 करोड़ रुपए और भारत सरकार से अनुदान के तौर पर मिलने वाले 643 करोड़ रुपए शामिल हैं.

किनके लिए होगी सुविधा
डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारा लक्ष्य बेघर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का है. इसके लिए बोर्डिंग स्कूल और स्कूल में एक विज्ञान संग्रहालय की व्यवस्था की जाएगी. वहीं बोर्डिंग स्कूल के लिए दस करोड़ की राशि दी गई है. इस बोर्डिंग स्कूल की सुविधा सड़क के किनारे, फुटपाथ, फ्लाईओवर, सीढ़ियों के नीचे, खुले पूजा स्थलों, मंडपों और रेलवे प्लेटफार्मों पर रहने वाले बच्चों के लिए होगी. डिप्टी सीएम ने कहा, “हम इस साल एक स्कूल विज्ञान संग्रहालय, कक्षा डिजिटलीकरण, 100 स्कूलों में मोंटेसरी प्रयोगशाला और शिक्षक विश्वविद्यालय खास पहल करने जा रहे हैं. बच्चों ने कोविड महामारी के बाद भी सीबीएसई की परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया था.”

क्या बोले डिप्टी सीएम
मनीष सिसोदिया ने कहा, “हम क्वालिटी शिक्षा के लिए नए मानक तय कर रहे हैं. इसके लिए दिल्ली स्कूल बोर्ड का गठन किया गया है. इसके अलावा भोजन और घर जैसी बुनियादी सुविधाएं होने पर क्वालिटी एजुकेशन लेना आसान हो जाएगा. बेघर बच्चों के लिए बोर्डिंग स्कूल आधुनिक सुविधा के साथ खोले जाएंगे. जिससे उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जा सके. जिससे उन्हें बेहतरीन नागरिक बनाया जा सके.”

कहां से आएगा पैसा?

दिल्ली सरकार की कमाई का सबसे बड़े जरिया कर राजस्व है. साल 2022-23 में कर राजस्व के जरिए 47,700 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है. इसमें वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) एवं मूल्यवर्धित कर (वैट) के जरिए 31,200 रुपए आएंगे. राज्य उत्पाद शुल्क के रूप में 9,500 करोड़ और स्टैम्प और स्थानीय शुल्क के रूप में 5,000 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है.

बजट में वाहनों से कर के रूप में 2,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है. सरकार लघु बचत योजनाओं के जरिए 10,000 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी. गैर कर राजस्व से 1,000 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है,

जबकि 802 करोड़ रुपए की पूंजीगत आय होगी. कुल आय में 3,709 करोड़ रुपए का पिछला अधिशेष शामिल है. सामान्य केंद्रीय सहायता के रूप में 643 करोड़ रुपए और केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 325 करोड़ रुपए आएंगे. सीएसएस के रूप में 1,621 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है. बजट की बड़ी खास बात यह है कि कि सरकार ने कोई नया कर नहीं लगाया है. साथ ही बाजार से कोई कर्ज नहीं उठाएगी

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