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हरियाणा के प्रोफेसर ने बनाया गोबर से कुछ ऐसा की घरों में है AC जैसी ठंडक ब्यूरो रिपोर्ट

ByKOMAL.PUNDIR

May 31, 2022
हरियाणा के प्रोफेसर ने बनाया गोबर से कुछ ऐसा की घरों में है AC जैसी ठंडक

हरियाणा के प्रोफेसर ने बनाया गोबर से कुछ ऐसा की घरों में है AC जैसी ठंडक

हरियाणा के प्रोफेसर ने बनाया गोबर से कुछ ऐसा की घरों में है AC जैसी ठंडक आज के समय में हर कोई ईको  फ्रेंडली और सस्टनैबल घर बनाना चाहता है एक ऐसा घर जो ना की सिर्फ हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के अनुकूल हो बल्कि किफायती भी हो दूसरे शब्दों में कहें तो घर ऐसा होना चाहिए जो दुनिया के किसी भी हिस्से में स्थित हो लेकिन गांव के घर का एहसास कराता हो

हरियाणा के प्रोफेसर ने बनाया गोबर से कुछ ऐसा की घरों में है AC जैसी ठंडक

वह मीठी-मीठी महक वाली धरती की महक और ठंडी ताजी हवा होनी चाहिए हरियाणा में स्थित डॉ शिव दर्शन मलिक ने निर्माण के पारंपरिक तरीकों को पुनर्जीवित करने के लिए संरचनाओं के निर्माण के दौरान पारंपरिक कंक्रीट को बदलने के लिए वैदिक प्लास्टर और गोक्रीट ईटों 2 नवचारों को विकसित किया है

प्रोफेसर का कहना है

53 वर्षीय प्रोफेसर का कहना है कि सामग्री के उपयोग से उसके जीवन चक्र से परे विनाशकारी प्रभाव भी पढ़ते हैं कंक्रीट की इमारतों में 50 साल का जीवन होता है और बाद में गैर पुनरनवीनीकरण योग्य निर्माण मलबे के रूप में समाप्त होता है डॉक्टर मलिक ने बताया कि वह इन दो परियोजनाओं के सिलसिले में अमेरिका इंग्लैंड इरान समेत कई अन्य देशों में जाते थे

हरियाणा के प्रोफेसर ने बनाया गोबर से कुछ ऐसा की घरों में है AC जैसी ठंडक

उन्होंने एक बार अमेरिका में देखा था कि लोग हम हैमक्रिट  बनाने और उसे घर बनाने के लिए भांग के पत्तों में चुना मिलाते  थे वहीं से उन्हें यह विचार आया कि वह भी गाय के गोबर से प्लास्टर तैयार कर सकते हैं गाय के गोबर से होम पेंटिंग की अवधारणा को आम लोगों तक आसानी से पहुंचाने के लिए उन्होंने 2005 में वैदिक प्लास्टर बनाया

 

डॉक्टर मलिक ने गोबर में जिप्सम ग्वार  गम मिट्टी चुना पाउडर आदि मिलाकर वैदिक प्लास्टर तैयार किया देसी गाय इस प्लास्टर को आसानी से किसी भी दीवार पर लगाया जा सकता है

बीकानेर स्थित उनकी फैक्ट्री में सालाना 5000 टन वैदिक प्लास्टर बनाया जा रहा है उन्होंने बताया है कि देश भर में उनके 15 से भी ज्यादा डीलर हैं पिछले साल उन्होंने वैदिक प्लास्टर से 10,00,000 रुपए का मुनाफा कमाया था वह खुशी-खुशी बताते हैं कि अब तक हजारों घरों में वैदिक प्लास्टर लग चुका है फिलहाल वह ईट  का कारोबार नहीं कर रहे हैं बल्कि लोगों को ईट बनाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं उन्होंने 2018 से गाय के गोबर की ईट बनाने के लिए लगभग 100 लोगों को प्रशिक्षित किया था जिसमें किसान गौशाला से जुड़े लोग और कुछ आर्किटेक्ट शामिल है उन्होंने बताया कि वर्तमान में 100 से अधिक लोगों ने प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया है

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