पूर्वांचल का सबसे प्रमुख छठ पर्व शुक्रवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुका है। उत्तराखंड में भी बड़ी संख्या में पूर्वांचल के लोग छठ का पर्व मनाएंगे। हरिद्वार में नहाय खाय की रस्म से पहले महिलाएं कलश यात्रा निकालती है। और फिर खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा। 31 अक्तूबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत खोलने के साथ ही छठ का समापन हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार के हजारों लोग हरिद्वार में रहते हैं। बीएचईएल के अलावा सिडकुल, बहादराबाद औद्योगिक इकाइयों के साथ ही अन्य क्षेत्रों में नौकरी पेशे से जुड़े हुए हैं। हर साल हरिद्वार में भी बड़ी संख्या में छठ पर्व पर आस्था का सैलाब देखने को मिलता है। गंगा घाटों पर हजारों की संख्या में व्रती महिलाएं छठ मैया की उपासना करती हैं।
दीपा और आरती ने बताया कि छठ पर्व सूर्यदेव की उपासना और छठी मैया का पूजा करने का महापर्व है। इस पर्व पर उगते और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। छठ पूजा पर छठी मैया की पूजा और लोकगीत गाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व को लेकर शहर में तैयारियां की गई हैं। पूजा-अर्चना से लेकर छठ को लेकर दुकानें सज गई हैं। शुक्रवार को नहाय खाय के साथ छठ शुरू हो चुका है ।।