जोशीमठ आपदा में प्रभावित हुए लोगों के प्रति उत्तराखंड और देश के लोग सांत्वना प्रकट कर रहे हैं कई सामाजिक संगठनों द्वारा इस आपदा को देखते हुए अपने कार्यक्रम भी स्थगित किए गए हैं मगर जोशीमठ की त्रासदी पर हरिद्वार पहाड़ी महासभा को वहा रहने वाले लोगों की पीड़ा का दर्द ही नहीं पहाड़ी महासभा द्वारा मकर सक्रांति उत्तरायणी मेले का आयोजन किया गया जिसमें रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए कार्यक्रम में हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल और भारी संख्या में पहाड़ी महासभा से जुड़े लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम में पहुंचे हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से जब इस बारे में पूछा गया तो मीडिया के सवालों से कन्नी काटते नजर आए रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि पहाड़ी महासभा हर वर्ष इस कार्यक्रम के माध्यम से अपनी संस्कृति और परंपराओं को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य करती है उत्तराखंड देवभूमि है और देश की संस्कृति का उत्तराखंड प्रतिनिधित्व भी करता है वही जोशीमठ आपदा के वक्त इस तरह के कार्यक्रम के सवाल पर निशंक का कहना है कि आपदा और कार्यक्रम को एक साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए यह बात ठीक है कि पूरा प्रदेश जोशीमठ आपदा के प्रति अपनी सांत्वना प्रकट कर रहा है और सरकार को वहां के लोगों को दूसरी जगह विस्थापित करना है वहां की संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए यह कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
जोशीमठ आपदा के पीड़ित लोगों के प्रति उत्तराखंड और देश के लोगों में दर्द दिखाई दे रहा है मगर उत्तराखंड के पहाड़ी लोगों द्वारा ही इस आपदा की घड़ी में मकर सक्रांति उत्तरायणी मेले का आयोजन किया गया इससे नजर आता है कि उत्तराखंड के पहाड़ के लोग जोशीमठ आपदा के पीड़ित लोगों के प्रति कितने संवेदनशील है कार्यक्रम को लेकर हरिद्वार सांसद निशंक भी मीडिया के सवालों से कन्नी काटते नजर आए।