उत्तराखंड के सीमान्त शहर जोशीमठ मे हो रहा भू-धसाव पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्ततेश्वरानन्द ने गंभीर चिंता जाहिर क़रते हुए कहा की हिमालई क्षेत्रों के विकास के नाम पर सुनियोजित विनाश किया जा रहा है और आज इसी का नतीजा है की भारतीय संस्कृति का प्रमुख केंद्र जोशीमठ मे हजारों लोगो का जीवन खतरे मे है इसी के साथ भगवान बद्रीनाथ के विग्रह के शीतकालीन प्रवास का स्थान नरसिंघ मंदिर और आदि जगतगुरु शंकराचार्य जोशीमठ के भी धरती मे समा जाने कि आशंका जताई है।
भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पूरा शहर ही खतरे कि जद मे आ गया है ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तश्वरांनंद ने जोशीमठ मे हो रहे भूधसाव पर गंभीर चिंता जाहिर कि है खतरा बढ़ते देख शंकाराचार्य मे अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर जोशीमठ जाने से पहले आज हरिद्वार पंहुचे यंहा से वह कल को जोशीमठ के लिए निकलेंगे जंहा वह भू धसाव से पैदा हुए परिस्थितियों का जायजा लेंगे इन्होंने चिंता जाहिर क़रते हुऐ कहा कि भारतीय संस्कृति का प्रमुख केंद्र खतरे मे है और किसी को इसकी चिंता ही नहीं है जोशीमठ मे हो रहा भू धसाव का सर्वे कराया जाना चाहिए ऐसा माना जा रहा ही कि भू धसाव जोशीमठ मे बन रहे पावर प्रोजेक्ट के लिए शहर के नीचे बन रही सुरंग मे किये गए धमाको का नतीजा हो सकता है इसके अलावा जोशीमठ कि सीवेज व्यवस्था, ऑल वेदर रोड, अथवा धरती के नीचे स्थित गलेशियर के खिसकने को भी धसाव की वजह माना जा रहा है जोशीमठ के मकानों दुकानों के भवनो मे आ रही दरारों और धसाव कि सही वजह इसकी व्यापक जाँच के बाद ही पता चल पायेगी।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का कहा कि जोशीमठ मे पूरा शहर धरती मे समा जाने कि आशंका है शीतकाल मे भगवान् बद्रीनाथ का विग्रह जोशीमठ मे नरसिंघ मंदिर मे विराजता है और यही पूरे 6 माह उनके दर्शन होते है भगवान् का विग्रह भी धरती मे समाने कि आशंका है और जोशीमठ के हजारों परिवारों के साथ ही भगवान बद्रीनाथ के भी पुनर्वास की जरुरत हो सकती है इसी के साथ आदि जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठो मे से उत्तरभारत के जोशीमठ स्थित ज्योतिषमठ को भी अंयंत्र स्थापित किया जा सकता हैं।
शंकराचार्य स्वामी अविमुकतेशवरानन्द ने जोशीमठ मे हजारों लोगो की जानमाल के खतरे मे होने पर चिंता जाहिर जाहिर क़रते हुए राज्य सरकार से जान माल की सुरक्षा के साथ ही सभी प्रभावितों के पुनर्वास के लिए एक मुश्त पैकेज की मांग की है साथ ही क्षेत्रों मे किये जा रहे अनियोजित और अनियंत्रित विकास को लेकर सरकार से इन कार्य को जल्द रोकने की मांग की है अब देखना होगा सरकार इस मामले पर कितनी गंभीरता से कार्य करती है।