• Thu. Nov 21st, 2024

आखिर क्या होता है कंकणाकृति सूर्य ग्रहण, एक दशक बाद लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण आज ।जानने के लिए देखिये पूरी खबर

Byrashmi kashyap

Apr 20, 2023
surya grahan 2022 time 95059604

सूर्य ग्रहण का सही समय और सूतक काल-  गुरुवार, 20 अप्रैल 2023 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शुरू हो जाएगा जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक चलेगा। इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट तक रहेगी।

आज साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि के दिन यह ग्रहण लगेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष गणना के मुताबिक साल 2023 के इस सूर्य ग्रहण में सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में मौजूद रहेंगे। आइए जानते हैं साल के पहले सूर्य ग्रहण की सारी जानकारी।

साल का पहला सूर्य ग्रहण कितने बजे होगा शुरू 

गुरुवार, 20 अप्रैल 2023 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शुरू हो जाएगा जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक चलेगा। इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट तक रहेगी।

क्या भारत में दिखाई देगा ग्रहण ?

साल 2023 के पहले सूर्य ग्रहण का नजारा भारत के लोग नहीं देख सकते हैं। यह सूर्य ग्रहण आस्ट्रेलिया समेत कई देशों में देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण चीन, थाईलैंड, अमेरिका, मलेशिया, जापान,न्यूजीलैंड, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर जैसी  जगहों पर दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय समीकरण

वैशाख माह की अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में रहेंगे। राहु और चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में स्थिति होंगे। इसी के साथ इस पर शनि की पूर्ण द्दष्टि भी रहेगी। वहीं अगर देवगुरू बृहस्पति की बात की जाय तो सूर्य से द्वादश भाव में होंगे। सूर्य के मेष राशि में प्रभाव ज्यादा रहता है।

इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा

साल 2023 का यह पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा। शास्त्रों के अनुसार जहां-जहां पर ग्रहण का असर होता है वहां पर सूतक काल प्रभावी माना जाता है। इस कारण से भारत में सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल ग्रहण के लगने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और ग्रहण की समाप्ति तक रहता है। 20 अप्रैल के बाद साल का दूसरा ग्रहण 14 अक्टूबर को होगा। इस ग्रहण को भी भारत में नहीं देखा जा सकता है।

क्या होता है सूतक काल ?

धार्मिक नजरिए से सूतककाल को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सूतक काल के दौरान सूर्य और चंद्रमा पीड़ा मे होते हैं। ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। सूतक काल के सयम मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण पर सूतक के दौरान भगवान की मूर्तियों का स्पर्श नहीं किया जाता है और न ही इनकी पूजा-पाठ होती है। सूतक काल के दौरान मंदिरों के पर्दे और दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। सूतक काल की शुरूआत से लेकर इसके खत्म होने तक न तो खाना बनाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है। ग्रहण के दौरान मंत्रोंका जाप करना बहुत ही शुभ होता है। ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है।

साल का पहला सूर्य ग्रहण रहेगा खास

साल 2023 का पहला ग्रहण बेहद की खास रहने वाला होगा। 20 अप्रैल को लगने वाला यह ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। खगोल विज्ञान के मुताबिक कंकणाकृति सूर्य ग्रहण एक तरह का मिला जुला ग्रहण होता है। जिसमें ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाता है और फिर वापस आकर कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है। इसके पहले इस तरह का कंकणाकृति सूर्य ग्रहण का नजारा साल 2013 में देखने को मिला था। इस तरह से यह सूर्य ग्रहण एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा। जिसमें यह आंशिक , कुंडलाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। आपको बता दें कि आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के एक छोटे से हिस्से को कवर करता है। वहीं कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के बीचों-बीच मे आ जाता है तब सूर्य कुछ देर के लिए एक चमकदार अंगूठी की तरह दिखाई देने लगता है। इस तरह के सूर्यग्रहण को कंकणाकृति सूर्य ग्रहण माना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *